हर एक साल में कुल 24 एकादशी होती है यानि हर महीने में दो एकादशी, लेकिन जब अधिकमास मल मास आता है तो संख्या साल में 26 हो जाती है। एकादशी चाहे 24 हों या 26 सभी एकादशी का अपना अलग अलग महत्त्व होता है। चलिए अब जानते है की आज एकादशी कितने बजे से शुरू है 2022 – Aaj Ekadashi Kitne Baje Se Shuru Hai 2022
आज का एकादशी व्रत 2022 – Aaj Ka Ekadashi Vrat 2022
विवरण | जानकारी |
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आज का एकादशी व्रत | देवशयनी एकादशी |
आज एकादशी दिन | 10 जुलाई 2022, रविवार |
आज की तिथि/पक्ष | आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष |
एकादशी व्रत का पारण समय क्या हैं | 11 जुलाई को 5 बजकर 56 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक |
आज एकादशी कितने बजे से शुरू है 2022 – Aaj Ekadashi Kitne Baje se Shuru Hai 2022
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इसी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ माना जाता है। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किया जाता। मान्यता है कि, इस दिन से भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं और फिर चार माह बाद उन्हें उठाया जाता है।
आज एकादशी कितने बजे से शुरू है 2022- जुलाई 2022 के शुक्ल पक्ष में देवशयनी एकादशी होगी। देवशयनी एकादशी 10 जुलाई 2022 को है, जो 9 जुलाई की शाम 4 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगी। जो भक्त इस एकादशी का व्रत पवित्र मन से रखते है उनके सारे पाप नष्ट हो जाते है और उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आज एकादशी कब तक है 2022- जुलाई 2022 के शुक्ल पक्ष में देवशयनी एकादशी 10 जुलाई 2022 को है, जो 10 जुलाई दोपहर को 2 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी।। इस व्रत के लिए लोगों में आस्था है की इस व्रत को रखने और भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में सुख व समृद्धि की प्राप्ति होती है।
एकादशी अन्य सवाल जवाब
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आज ग्यारस कितने बजे से शुरू है?
Aaj Ekadashi Kitne Baje se Shuru Hai 2022- जुलाई 2022 के शुक्ल पक्ष में देवशयनी ग्यारस होगी। देवशयनी एकादशी 10 जुलाई 2022 को है, जो 9 जुलाई की शाम 4 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगी। जो भक्त इस ग्यारस का व्रत पवित्र मन से रखते है उनके सारे पाप नष्ट हो जाते है और उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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आज ग्यारस कब तक है 2022?
Aaj Ekadashi Kab Tak Hai 2022- जुलाई 2022 के शुक्ल पक्ष में देवशयनी ग्यारस 10 जुलाई 2022 को है, जो 10 जुलाई दोपहर को 2 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी।। इस व्रत के लिए लोगों में आस्था है की इस व्रत को रखने और भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में सुख व समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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