कैलेंडर 2022: सावन शिवरात्रि 2022

आषाढ़ का महीना समाप्त होने के बाद श्रावण का महीना शुरू होता है और इसी श्रावण के मास को सावन का महीना कहा जाता है। यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पाँचवा महीना होता है, इस महीने में आने वाली शिवरात्रि का हर भोले के भक्त को इंतज़ार होता है, जिसमे पूजा करने का विशेष फल मिलता है। इस पोस्ट में अब हम जानते है की सावन शिवरात्रि 2022 में कब है – Sawan Shivratri 2022 Mein Kab Hai

सावन शिवरात्रि 2022 में कब है – Sawan Shivratri 2022 Mein Kab Hai

हिन्दू धर्म में सावन के महीनें का विशेष महत्व है, इस महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है। सावन के महीने में सबसे ज्यादा महत्त्व इस महीने में आने वाले सोमवार और शिवरात्रि का अत्यधिक महत्त्व होता है। इसमें भोलेनाथ की आराधना करने से सुख शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है, कुंवारी कन्याएं इस माह में सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती है और भगवान भोलेनाथ की पूजा व अर्चना करती है।

विवरणजानकारी
वर्ष2022
त्यौहारसावन शिवरात्रि
तारीख और दिन26 जुलाई 2022, मंगलवार
तिथिचतुर्दर्शी तिथि
शुभ मुहूर्त की शुरुआत26 जुलाई 2022 को शाम 6 बजकर 46 मिनट पर
शुभ मुहूर्त की समाप्ति27 जुलाई 2022 की रात 09 बजकर 11 मिनट तक
2022 में सावन शिवरात्रि कब हैं – 2022 Mein Sawan Shivratri Kab Hai

Sawan Shivratri 2022 Mein Kab Hai– सावन 2022 में कुल 4 सोमवार होंगे, जिसमे पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा सोमवार 01 अगस्त और चौथा सोमवार 08 अगस्त को होगा। इसी बीच सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को होगी, जिस दिन मंगलवार है। यह दिन जल डेट या जल की तारीख के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन भोले बाबा की पूजा अर्चना के साथ उन पर जल भी चढ़ाया जाता है।

सावन शिवरात्रि 2022 पूजा का शुभ मुहूर्त – Sawan Shivratri 2022 Puja Ka Shubh Muhurat

चतुर्दर्शी तिथि की शुरुआत, 26 जुलाई 2022 को शाम 6 बजकर 46 मिनट से होगी और 27 जुलाई 2022 की रात 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगी।

  • निशिता काल पूजा मुहूर्त प्रारम्भ – 27 जुलाई 2022, बुधवार की सुबह 12 बजकर 8 मिनट से।
  • निशिता काल पूजा मुहूर्त समाप्त – 27 जुलाई 2022, बुधवार की सुबह 12 बजकर 49 मिनट तक।
  • शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त – 27  जुलाई 2022 की सुबह 05 बजकर 41 मिनट से – दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक।

शिवरत्रि के दिन पूजा कैसे करें – Shivratri Puja Kaise Kare

भगवान शिव के रूप में शिवलिंग की पूजा की जाती है, जिसमे उनके ऊपर जल, दूध, बेल पत्थर, फल फूल इत्यादि को चढ़ाया जाता है। शिवलिंग भगवान शिव का ही प्रतीक है, जिसको सृजनहार के रूप में पूजा जाता है। शिवरात्रि के दिन शिव पुराण का पाठ और महामृतुंज्या मंत्र का जाप भी करना चाहिए या शिव जी के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए।

शिवजी का अभिषेक कैसे करें – जैसे की आप सब को पता है ही की शिव जी के जलाभिषेक का हिन्दू मान्यता में कितना महत्व है, जिसके कारन शिवालयों में लोगो की भीड़ लगी रहती है। आपको बता दे की शिव जी को प्रसन करने के लिए शहद, दूध, दही, शक्कर, धतूरा, विल्वपत्र और गगंगाजल से शिव जी का जलाभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा कहा जाता है की अगर इस दिन भोलेनाथ को मुर्दे की भस्म लगायी जाये तो शिव जी और भी प्रसन होते है।

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