रक्षाबंधन निबंध

रक्षाबंधन के त्यौहार का इंतज़ार हर कोई भाई बहन करते है, इस दिन बहन अपने भाई के हाथ की कलाई पर राखी बांधती है, जिसे उनके प्यार का प्रतीक कहा जाता है और इस राखी के बदले में भाई बहन को कुछ गिफ्ट देता है, साथ ही साथ बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा भी लेता है। चलिए अब देखते है रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में – Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षाबंधन डेट – Raksha Bandhan Date

विवरणजानकारी
वर्ष2022
व्रत/त्यौहाररक्षाबंधन
तारीख और दिन11 अगस्त, 2022, गुरुवार
तिथि/पक्षश्रावण मास की पूर्णिमा
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्तरात को 8:51 से रात को 9:13 मिनट तक
रक्षाबंधन निबंध हिंदी में – Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में – Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षा बंधन का त्यौहार हिंदू धर्म का बहुत ही पवित्र त्यौहार है शायद ही इतना पवित्र त्यौहार कोई और हो। भाई बहन के लिए ये दिन किसी उत्सव मात्र से कम नही होता, सभी बहन चाहे वो किसी भी आयु की हो वो अपने भाई को राखी बांधती है और चाहे भाई कितना भी दूर रहता हो, बिना दूरियों को सोचे बहन वहा पहुँच जाती है और रक्षा कवच के रूप में धागा बांधती है। उनको मीठा खिलाती है। सभी भाई अपनी बहनो को भेट के रूप में कुछ न कुछ उपहार देते है।

रक्षाबंधन कब मनाया जाता है- रक्षा बंधन का त्यौहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन होता है। शास्त्रीय विधान के अनुसार, रक्षा बंधन का पवित्र पत्र पर्व भद्रा रहित काल में ही मनाना चाहिए। रक्षा बंधन का त्यौहार पूरे भारत में एक ही दिन मनाया जाता है बस लोक-परम्पराओ के कारण कुछ जगह इसको अन्य नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता- अगर हम रक्षाबंधन के त्यौहार की शुरुआत देखे तो इस त्यौहार में भाई की बहन से और बहन की भाई से अनेक संवेदनाये जुडी होती है। यह त्यौहार भाई बहन के रिश्ते के साथ साथ गुरु और शिष्य के बीच, भाई और भाई के बीच, बहन और बहन के बीच, माता-पिता का अपने बच्चो के बीच भी प्यार का प्रतीक हो सकता है।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है- इस प्रकार हम कह सकते है की यह त्यौहार अब केवल भाई और बहन के बीच ही सीमित नहीं है। इस बात को सिद्ध करने के लिए इतिहास में बहुत सी कथाएं मिलती है, जिसमे भविष्‍य पुराण की कथा, वामन अवतार की कथा, द्रौपदी और श्रीकृष्‍ण की कथा, सिकंदर और पुरू की कथा आदि शामिल है।

रक्षाबंधन से जुडी पौराणिक कथाएं

रक्षाबंधन का त्यौहार, भविष्‍य पुराण की कथा के अनुसार

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धरती की रक्षा के लिए देवता और असुरों में 12 साल तक युद्ध चला लेकिन देवताओं को विजय नहीं मिली। तब देवों के गुरु बृहस्पति ने इंद्र की पत्नी शची को श्रावण शुक्ल की पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर रक्षासूत्र बनाने के लिए कहा। इंद्रणी ने वह रक्षा सूत्र इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधा और फिर देवताओं ने असुरों को पराजित कर विजय हासिल की।

रक्षाबंधन का त्यौहार, वामन अवतार की कथा के अनुसार

एक बार भगवान विष्णु असुरों के राजा बलि के दान धर्म से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने बलि से वरदान मांगने के लिए कहा। तब बलि ने उनसे पाताल लोक में बसने का वरदान मांगा। भगवान विष्णु के पाताल लोक चले जाने से माता लक्ष्मी और सभी देवता बहुत चिंतित हुए। तब मां ने लक्ष्मी गरीब स्त्री के वेश में पाताल लोक जाकर बलि को राखी बांधा और भगवान विष्णु को वहां से वापस ले जाने का वचन मांगा। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी। तभी से श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन (Rakshabandhan Festival) का पर्व मनाया जाता है।

रक्षाबंधन का त्यौहार, द्रौपदी और श्रीकृष्‍ण की कथा के अनुसार

महाभारत काल में कृष्ण और द्रोपदी को भाई बहन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं की माने तो शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की तर्जनी उंगली कट गयी थी। तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर पट्टी बांधा था। उस दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था। तभी से रक्षाबंधन (Rakshabandhan Festival) श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। कृष्ण ने एक भाई का फर्ज निभाते हुए चीर हरण के समय द्रोपदी की रक्षा की थी। 

रक्षाबंधन का त्यौहार, सिकंदर और पुरू की कथा के अनुसार

इतिहास के अनुसार, राजा पोरस को सिकंदर की पत्नी ने राखी बांधकर अपने सुहाग की रक्षा का वचन मांगा था। जिसके चलते सिकंदर और पोरस ने रक्षासूत्र की अदला बदली की थी। एक बार युद्ध के दौरान सिकंदर ने पोरस पर हमला किया तो वह रक्षासूत्र देखकर उसे अपना दिया हुआ वचन याद आ गया और उसने पोरस से युद्ध नहीं किया।

ऊपर दी गयी सभी कथाओ से सिद्ध है की रक्षाबंधन को मनाने के अलग-अलग कारण है, लेकिन आज के समय में इस पर्व को भाई बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है।

रक्षाबंधन अन्य सवाल जवाब

  1. रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं निबंध?

    यह त्यौहार अब केवल भाई और बहन के बीच ही सीमित नहीं है। इस बात को सिद्ध करने के लिए इतिहास में बहुत सी कथाएं मिलती है, जिसमे भविष्‍य पुराण की कथा, वामन अवतार की कथा, द्रौपदी और श्रीकृष्‍ण की कथा, सिकंदर और पुरू की कथा आदि शामिल है।

  2. हमारे देश में राखी का महत्त्व क्या हैं?

    रक्षा बंधन का त्यौहार हिंदू धर्म का बहुत ही पवित्र त्यौहार है शायद ही इतना पवित्र त्यौहार कोई और हो। भाई बहन के लिए ये दिन किसी उत्सव मात्र से कम नही होता, सभी बहन चाहे वो किसी भी आयु की हो वो अपने भाई को राखी बांधती है और चाहे भाई कितना भी दूर रहता हो, बिना दूरियों को सोचे बहन वहा पहुँच जाती है और रक्षा कवच के रूप में धागा बांधती है। उनको मीठा खिलाती है। सभी भाई अपनी बहनो को भेट के रूप में कुछ न कुछ उपहार देते है।

  3. रक्षाबंधन की शुरुआत कब हुई थी?

    महाभारत काल में कृष्ण और द्रोपदी को भाई बहन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं की माने तो शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की तर्जनी उंगली कट गयी थी। तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर पट्टी बांधा था। उस दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था। तभी से रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। कृष्ण ने एक भाई का फर्ज निभाते हुए चीर हरण के समय द्रोपदी की रक्षा की थी। 

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