कैलेंडर 2023 : शारदीय नवरात्री
देवी भागवत पुराण के अनुसार, आश्विन मास में माता की पूजा अर्चना व नवरात्र का व्रत करने से देवी दुर्गा की कृपया सम्पूर्ण वर्ष बनी रहती है।
देवी भागवत पुराण के अनुसार, आश्विन मास में माता की पूजा अर्चना व नवरात्र का व्रत करने से देवी दुर्गा की कृपया सम्पूर्ण वर्ष बनी रहती है।
हर महीने 2 एकादशी के व्रत होते है, जिसमे एक कृष्णा पक्ष का और दूसरा शुक्ल पक्ष का।
उत्तर भारत के पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्णा पक्ष की चतुर्दर्शी को महाशिवरात्रि का आयोजन किया जाता है।
हर साल की तरह 2022 में भी सभी त्यौहार आएंगे और खुशियों के साथ जायेंगे। जिसके लिए ये जानना जरुरी है की साल 2022 में किस महीने में कौन सा हिन्दू त्यौहार है या कहें तो कैलेंडर 2022 में हिन्दू त्यौहार कब व किस दिन है।
कहा जाता है की हनुमान जयंती के दिन जो भी व्यक्ति हनुमान जी की भक्ति और दर्शन करता है तो उसके सभी दुःख और दर्द दूर हो जाते है
हर महीने 2 एकादशी के व्रत होते है, जिसमे एक कृष्णा पक्ष का और दूसरा शुक्ल पक्ष का। एकादशी का व्रत यदि पूरी श्रद्धा, मन और भक्ति भाव के साथ किया जाये तो यह व्रत सभी सुखों को देने वाला है।
सभी एकादशियों के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं, जो भक्त एकादशी का व्रत पवित्र मन से करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
एकादशी के व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक हैं। द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले पारण नहीं करना एक पाप के सामान माना जाता हैं।
हिन्दू धर्म में एकादशी का एक अलग ही महत्त्व है इसमें भगवान विष्णु की पूजा और आराधना की जाती है।
हर एक साल में कुल 24 एकादशी होती है यानि हर महीने में दो एकादशी, लेकिन जब अधिकमास मल मास आता है तो संख्या साल में 26 हो जाती है।