कैलेंडर 2022: जुलाई एकादशी व्रत
सभी एकादशियों के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं, जो भक्त एकादशी का व्रत पवित्र मन से करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सभी एकादशियों के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं, जो भक्त एकादशी का व्रत पवित्र मन से करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सभी एकादशियों के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं, जो भक्त एकादशी का व्रत पवित्र मन से करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्णा पक्ष की तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है।
कुंवारी कन्याएं इस माह में सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती है और भगवान भोलेनाथ की पूजा व अर्चना करती है
इसमें भोलेनाथ की आराधना करने से सुख शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है, कुंवारी कन्याएं इस माह में सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती है और भगवान भोलेनाथ की पूजा व अर्चना करती है।
एक कथा के अनुसार, महाभारत काल में सबसे पहले भीम ने इस व्रत को किया था। इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है।
हिन्दू धर्म के सभी त्यौहार व् व्रत पंचांग या हिन्दू कैलेंडर पर आधारित होते है, इसी तरह एकदशी का व्रत भी हिन्दू कैलेंडर की तिथियों के अनुसार होता है।
हर महीने 2 एकादशी के व्रत होते है, जिसमे एक कृष्णा पक्ष का और दूसरा शुक्ल पक्ष का। एकादशी का व्रत यदि पूरी श्रद्धा, मन और भक्ति भाव के साथ किया जाये तो यह व्रत सभी सुखों को देने वाला है।